कर ले मन से जाप तू बन्दे वैष्णो अमृत वाणी का
तेरे घर मे रहेगा पहेरा दुखहरनी माहारानी का
कर ले मन से जाप तू बन्दे वैष्णो अमृत वाणी का
तेरे घर मे रहेगा पहेरा दुखहरनी माहारानी का
माँ के चिन्तन की गंगा जब रस बरसायेगी
सूखे नीरस जीवन मे हरियाली आयेगी
उसकी धुन मे जो प्राणी सुध बुध खो गये
दान माँगना छोङ के वो माहादानी हो
गये
तू जब चाकर बन जायेगा दुर्गा जग कल्याणी का
तेरे घर मे रहेगा पहेरा दुखहरनी माहारानी का
तेरे घर मे रहेगा पहेरा दुखहरनी माहारानी का
कर ले मन से जाप तू बन्दे वैष्णो अमृत वाणी का
तेरे घर मे रहेगा पहेरा दुखहरनी माहारानी का
कलयुग में ईक यही माँ आखिर कष्ट निवारक है
सुख समृधी दायक ओर भवजल तारक है
नाम सुधा का पान करे जो वो वडभागी है
उसकी तीर्थ सोई होई किसम्त जागी है
तू भी मन को बना मन्दिर शक्ति रुप सवानी का
तेरे घर मे रहेगा पहेरा दुखहरनी माहारानी का
तेरे घर मे रहेगा पहेरा दुखहरनी माहारानी का
कर ले मन से जाप तू बन्दे वैष्णो अमृत वाणी का
तेरे घर मे रहेगा पहेरा दुखहरनी माहारानी का
आठो सिद्धिया चलती जिसके एक ईशारे पर ले आयेगी तेरी भी वो नाव किनारे पर
जैसी तेरी भावना होगी वैसा वर देगी
सिद्ध मनोरथ तेरे भी ईक दिन कर देगी
निश्चय रख के सुमरिन कर तू अम्बे आद भवानी का
तेरे घर मे रहेगा पहेरा दुखहरनी माहारानी का
तेरे घर मे रहेगा पहेरा दुखहरनी माहारानी का
कर ले मन से जाप तू बन्दे वैष्णो अमृत वाणी का
तेरे घर मे रहेगा पहेरा दुखहरनी माहारानी का
तेरे घर मे रहेगा पहेरा दुखहरनी माहारानी का
कर ले मन से जाप तू बन्दे वैष्णो अमृत वाणी का
तेरे घर मे रहेगा पहेरा दुखहरनी माहारानी का
माँ के चिन्तन की गंगा जब रस बरसायेगी
सूखे नीरस जीवन मे हरियाली आयेगी
उसकी धुन मे जो प्राणी सुध बुध खो गये
दान माँगना छोङ के वो माहादानी हो
गये
तू जब चाकर बन जायेगा दुर्गा जग कल्याणी का
तेरे घर मे रहेगा पहेरा दुखहरनी माहारानी का
तेरे घर मे रहेगा पहेरा दुखहरनी माहारानी का
कर ले मन से जाप तू बन्दे वैष्णो अमृत वाणी का
तेरे घर मे रहेगा पहेरा दुखहरनी माहारानी का
कलयुग में ईक यही माँ आखिर कष्ट निवारक है
सुख समृधी दायक ओर भवजल तारक है
नाम सुधा का पान करे जो वो वडभागी है
उसकी तीर्थ सोई होई किसम्त जागी है
तू भी मन को बना मन्दिर शक्ति रुप सवानी का
तेरे घर मे रहेगा पहेरा दुखहरनी माहारानी का
तेरे घर मे रहेगा पहेरा दुखहरनी माहारानी का
कर ले मन से जाप तू बन्दे वैष्णो अमृत वाणी का
तेरे घर मे रहेगा पहेरा दुखहरनी माहारानी का
आठो सिद्धिया चलती जिसके एक ईशारे पर ले आयेगी तेरी भी वो नाव किनारे पर
जैसी तेरी भावना होगी वैसा वर देगी
सिद्ध मनोरथ तेरे भी ईक दिन कर देगी
निश्चय रख के सुमरिन कर तू अम्बे आद भवानी का
तेरे घर मे रहेगा पहेरा दुखहरनी माहारानी का
तेरे घर मे रहेगा पहेरा दुखहरनी माहारानी का
कर ले मन से जाप तू बन्दे वैष्णो अमृत वाणी का
तेरे घर मे रहेगा पहेरा दुखहरनी माहारानी का
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